खेती के लिए जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण

Video Credit: HT Digital Content
Published on August 12, 2020 - Duration: 03:10s

खेती के लिए जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण

छिन्दवाड़ा जिले का निमनी गांव, जिसकी आबादी करीब ढाई हजार है.अधिकतर आबादी खेती पर ही निर्भर है.

लेकिन इस गांव के 100 से 150 परिवार की खेती जिरौरा गांव में है.

लेकिन दोनों गांव के बीच से होकर कन्हान नदी निकलती है.

निमनी गांव के लोगों को जिरौरा में खेती के लिए जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है.

दरअसल, ग्रामीणों के पास जिरौरा गांव जाने के लिए न कोई रास्ता है और न ही पुल और न तो लकड़ी वाली नाव ही है.

ऐसे में उन्होंने गोल आकर की तुम्बा लौकी को सुखाकर नदी पार करने का साधन बना लिया है.

जो खतरनाक भी है.

कभी भी कोई हादसा हो सकता है.

लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

ग्रामीणों का कहना है कि हमको खेती के लिए तो जाना ही पड़ेगा.

काम नहीं करेंगे तो क्या खाएंगे.

वहीं पिछले साल तुम्बा पलटने की वजह से अलग-अलग हादसों में दो लोगो की मौत हो चुकी है.

लेकिन इसके बाद भी प्रशासन नही जागा.

वहीं कांग्रेस विधायक विजय चौरे का कहना है कि दोनों गांव की बीच पुल प्रस्तावित था.

लेकिन, हमारी सरकार गिर गई नही तो अब तक काम शुरू हो जाता.


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